ENNEAGRAM : searching the self
----------------------------------------------
23 - 26 august 2024 (4 days)

 (opening : 22nd eve)
with : Swami Antar Jagdish

 

अपने व्यकितत्व के छुपे हुए ढांचे को समझने के लिए, एन्नेग्राम को एक समाधान की भांति, G.I.Gurdjieff ने 100 से भी अधिक वर्ष पहले दुनिया के सामने रखा... दरअसल यह एक प्राचीन पद्धति है जिसकी मदद से व्यक्ति अपने व्यकितत्व के भीतरी ताने-बाने के समस्त पहलुओ और व्यवस्था को समझ सकता है । ये पहलू हमारी आदतों, विचार करने के ढंग, भावनाएं, महसूस करने के तरीके, पुनः पुनः दुहराते व्यवहार, संवेदनशीलता, निर्णय करने की क्षमता, वृत्ति्यों और हमारे अवचेतन के अनेक आयामों से बने होते हैं। साथ ही साथ इसमें गुंथे होते हैं कई और कारक जैसे भय, क्रोध, मनोजगत के अनेक जटिल तल, हमारी अस्थिर चित्त-वृत्ति, व्यक्ति की अपनी ही कृत्रिम छवि, छुपी हुई कामनाएं, मन की बंधी बंधाई धारणा, पुराने की पकड़ एवम सीमित क्षमता और इस सबसे ऊपर इस व्यर्थ के कचरे की सुरक्षा के नित नूतन उपाय। इस सारे जंजाल का कुल परिणाम अक्सर जीवन के अनेक तलों पर हमारी हताशा के रूप में सामने आता रहता है...
यदि किसी भाँति हम अपने व्यक्तित्व की इन छुपी हुई परतों में झांक सकें तो हम स्वयं को इस दुष्चक्र और इस चंगुल से स्वतंत्रकर सकते हैं जो वास्तव में तो एक झूठ से अधिक नहीं है पर परिणाम लाता रहता है हमारे यथार्थ जीवन में !

'ENNEAGRAM : searching the self' इन सभी बिंदुओं के उत्तर सामने रखता है जिसके प्रकाश में व्यक्ति इस सभी कारकों और उनकी कार्यशैली को अपने जीवन और व्यक्तित्व के संदर्भ में देखने में समर्थ होता है। इस तरह से एन्नेग्राम की व्यवस्था हमें एक संतुलित जीवन की ओर धकेलती है जहां हम जीवन के रहस्य के और करीब आते हैं, आपसी संबंधों को बेहतर तल पर लाने में सक्षम होते हैं, अपने भय से आगे जाते हैं, निर्णय लेने के अपने ढंग को और और माँझते हैं, अपनी पीड़ाओं और दर्द की जड़ों में झांकते हैं और अपनी संभावनाओं को सत्य बनाने के

लिए एक सीढ़ी और चढ़ते हैं अर्थात अपने भाग्य को गढ़ने की दिशा में एक सुदृढ़ और वास्तविक कदम उठाते हैं।